गुरुवार, 6 जुलाई 2023

6G Technology: कनेक्टिविटी का भविष्य 6G Technology- The Future of Connectivity

 



 आज विश्व जैसे जैसे प्रौद्योगिकी का लगातार विकास  हो रहा  , संचार नेटवर्क में भी उत्तरोत्तर प्रगाति  आगे बढ़ रही है। अभी  हम 5G टेक्नोलोजी का भरपूर आनन्द ले रहे है ,वही  वायरलेस कनेक्टिविटी की अगली पीढ़ी, जिसे 6G Technology के रूप में जाना जाता है, पहले से ही क्षितिज पर उभर कर आ रही है है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम 6G Technology की दुनिया के बारे में विस्तार से जानेंगे, इसकी परिभाषा, उपलब्धता, गति, वैश्विक विकास और संभावित जोखिमों पर चर्चा करेंगे।

1.     6G Technology क्या है?

5G के विस्तार के रूप में, 6G तकनीक वायरलेस तकनीक की छठी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती है। इसका लक्ष्य पहले की तुलना में और भी तेज़, अधिक विश्वसनीय और कम-विलंबता कनेक्टिविटी प्रदान करना है। 6G Technology आने पर  Augmented Reality(संवर्धित वास्तविकता (एआर), Virtual Reality (आभासी वास्तविकता (वीआर)), और Internet of Things (IOT)इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरणों को जैसे अभूतपूर्व अनुप्रयोगों को सक्षम करके दूरसंचार, स्वास्थ्य , परिवहन और स्मार्ट शहरों सहित विभिन्न उद्योगों में क्रांति लाने की उम्मीद है।


 

2.     क्या 6G Technology उपलब्ध है?

 वर्तमान में, 6G Technology अभी भी अनुसंधान और विकास के चरण में है। हालाँकि प्रोटोटाइप और प्रायोगिक प्रणालियों की खोज की जा रही है, लेकिन  6G Technology  का अभी तक व्यावसायिक रूप से उपयोग शुरू नही हो सका है । 6G के लिए मानकीकरण प्रक्रिया आने वाले वर्षों में शुरू होने की उम्मीद है, और इसका  व्यावसायिक उपयोग अगले तीन चार वर्षों में आरंभ  होने का अनुमान है।

3.     6G Technology किस देश के पास है?

6जी क्रांति का नेतृत्व करने के लिए कई देश और तकनीकी दिग्गज अनुसंधान और विकास में भारी निवेश कर रहे हैं। अभी तक, कोई भी ऐसा देश नहीं है जिसके पास विशेष रूप से 6G Technology है। संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया, जापान और यूरोपीय देश जैसे देश 6जी विकास में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं, और इस तकनीकी दौड़ में अग्रणी बनने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

4.     भारत में 6G Technology - भारत में टेलीकॉम टेक्नोलॉजी और 6G सर्विस को डेवलप करने के लिए 3 जुलाई’2023 को  'भारत 6जी एलायंस' (Bharat 6G Alliance) लॉन्च किया गया  है।  'भारत 6जी अलायंस' (B6GA) के नाम से एक संस्था तैयार की गई है। यह जल्द ही देश में 6G नेटवर्क के लिए टेस्टिंग शुरू करेगी। ये संस्था डॉमेस्टिक इंडस्ट्री, अकेडमिक इंस्टीट्यूशन, नेशनल सिसर्च इंस्टीट्यूशंस और सरकार से सहायता प्राप्त ऑर्गेनाइजेशंस का गठबंधन है। अलग-अलग सेक्टर की ऑर्गेनाइजेशन्स की मदद सरकार करेगी।

भारत 6G एलियांस के तहत इनोवेशंस के लिए रिसर्च और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। यह मिशन दो फेज में पूरा होगा। पहला फेज 2023-2025 (दो साल का) और फेज-2 2025 से 2030 तक पूरा होगा। यानी देश में 6G सर्विस शुरू हो जाएगी।

5.       6G Technology की स्पीड कितनी है? ये 5G और 4G से कितना तेज है?

6G Technology के लिए   एक्सपर्ट्स का मानना है कि 6G की इंटरनेट स्पीड 5G से 100 गुना ज्यादा हो सकती है। यानी करीब 100 गीगाबाइट प्रति सेकेंड। इसे ऐसे समझें कि 6G आ जाने से नेटफ्लिक्स से 142 घंटे का कंटेंट सिर्फ 1 सेकेंड में डाउनलोड किया जा सकेगा।

की गति अपने पूर्ववर्तियों की क्षमताओं को पार करते हुए अद्वितीय होने की उम्मीद है। जबकि विशिष्ट गति बेंचमार्क अभी तक परिभाषित नहीं किए गए हैं,  इसका लाभ यह होगा की हम  अल्ट्रा-फास्ट गति से निर्बाध स्ट्रीमिंग, त्वरित डाउनलोड और वास्तविक समय के इंटरैक्शन को आसानी से कर पाने में सक्षम होंगे , जिससे उन नवीन अनुप्रयोगों के द्वार खुलेंगे जिनका हम आज केवल सपना देख सकते हैं।

 

जहां 5G अपने पीक पर हर सेकेंड 10 गीगाबाइट तक की स्पीड दे सकता है, वहीं 6G से उम्मीद है कि वो हर सेकेंड अल्ट्रा लो लेटेंसी के साथ 1 टेरा बाइट तक की स्पीड दे पाएगा। अल्ट्रा लो लेटेंसी का मतलब है कि कम से कम समय में ज्यादा डेटा को प्रोसेस करने की क्षमता।इसका सीधा असर हमारे इंटरनेट इस्तेमाल करने पर पड़ेगा। ऑनलाइन मीटिंग्स से लेकर गेमिंग तक सब 6G के आने से और सटीक हो पाएंगे यानी आप रियल टाइम में सब कुछ देख और सुन पाएंगे।

 

5. 6G Technology के संभावित खतरे क्या हैं?

 जबकि 6G Technology में अपार संभावनाएं  है, परंतु टेक्नोलोजी के साथ  संभावित जोखिमों और खतरों के बारे में चिंताएं भी बढ़ाती है। कुछ प्रमुख क्षेत्र जिन पर सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता है उनमें शामिल हैं:

a. सुरक्षा: बढ़ती कनेक्टिविटी और एकीकरण के साथ, 6G Technology नेटवर्क को साइबर खतरों से सुरक्षित रखना सर्वोपरि हो जाता है। संवेदनशील डेटा और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए मजबूत सुरक्षा उपाय होने चाहिए।

 b.  गोपनीयता: चूँकि 6G भारी मात्रा में डेटा के संग्रह की सुविधा प्रदान करता है, इसलिए व्यक्तिगत गोपनीयता की रक्षा करना महत्वपूर्ण हो जाता है। डेटा उपयोग और गोपनीयता सुरक्षा उपायों के बीच सही संतुलन बनाना एक महत्वपूर्ण चुनौती होगी।

c. नीतिगत पहलू : 6जी नेटवर्क के भीतर एआई, मशीन लर्निंग और ऑटोमेशन जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का एकीकरण के लिए स्पष्ट नीतिगत नियम व कानूनी प्रावधान होने आवश्यक है |   किसी भी संभावित जोखिम को कम करने के लिए इन प्रौद्योगिकियों की जिम्मेदार तैनाती और उपयोग आवश्यक होगा।

निष्कर्ष: 

 6G Technology के आने के बाद कनेक्टिविटी और परिवर्तनकारी अनुप्रयोगों में जबरदस्त बदलाव  अपेक्षित है।  दुनिया भर में चल रहे अनुसंधान और विकास प्रयास इसके अंतिम कार्यान्वयन की नींव रख रहे हैं। जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी आगे बढ़ती है, एक सुरक्षित और समावेशी 6जी पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा, गोपनीयता और नैतिक उत्तरदायित्वों को संबोधित

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