नया साल 2010.
एक और साल बीत गया । नये साल ने पुराने की जगह ले ली है ।
जाते जाते कुछ सनसनी बनाती खबरे है- 19 साल पुराना मामला - पुलीस का बडा अफसर और 14 साल की छोटी सी बच्ची के साथ जोर जबर्दस्ती ?क्या घटना को अंजाम देते समय 42 या 45 साल के वयस्क पुलीस अफसर को स्वयम की बेटी याद नही आई ?
दूसरी खबर नये साल के आगमन के साथ ही - 3 खतरनाक पाकिस्तानी आतंक वादी हिरासत से फरार ... हमारी पुलीस प्रणाली अब भी सो क्यो रही है? देश पर बडॆ बडे आतंकी हमले हो चुके है ।और हमले होने की सम्भावना गुप्तचर एजेंसियो द्वारा बार बार व्यक्त की जा रही है पुलीस अपने काम मे कब चुस्त दुरुस्त होगी? बडा सवाल है ।
इन परीस्थितियो मे भी आशा है नया साल भारत वर्ष के लिये शायद सुख और शांती ले कर आया है ।
Good One
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