Pages

शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2011

शब्द मेरे ........


क्या रह गया है अब मेरे पास ,
                         मात्र शब्द मेरे

कभी टूट जाते है ,
कभी बिखर जाते है ,
             कभी गुनगुनाते है , शब्द मेरे

क्या होगा मेरा
अगर किसी ने छीन लिए ,
कभी कभी कुछ भी नही
                  कह पाते है , शब्द मेरे

मुझे रुलाते है ,
मुझे हँसाते है ,
             मुझे समझाते है ,   शब्द मेरे

मन मेरा तेरा आभारी है ,
                            शब्द मेरे..... .

5 टिप्‍पणियां:

  1. शब्द एक दौलत से कम नही साथक रचना , बधाई

    जवाब देंहटाएं
  2. main to kehta hu shabd hi brahmand hain. bahut sundar rachna. abhaar

    जवाब देंहटाएं
  3. सच में यह शब्द ..पर सारा जहाँ इन शब्दों का मोहताज है.. बहुत सुंदर .

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर-सार्थक प्रस्तुति .बधाई .

    जवाब देंहटाएं
  5. पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ |
    सभी कविताएं रोचक एवं बेजोड़|
    मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं आपके साथ हैं !!
    http://madanaryancom.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं